Ek purani rachna#
कुछ मत करना देखा करना
कुछ निरीह लोगों का मरना
विचलित होकर दुःख मत करना
इसे मानना विधि की रचना।।
उसका घर है गिर जाने दो
उनका छप्पर जल जाने दो
अभी झोपड़ी दूर तुम्हारी
कल जलनी है फिर क्या डरना।।
इसकी अस्मत आज लुटी है
खतरे में उसकी बेटी है
अभी तुम्हारी कुछ छोटी है
अपनी आँख बंद ही रखना।।
Suresh Sahani KANPUR
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