तुम्हारे अश्क़ यक़ीनन मलाल देते हैं। 

हमारे अश्क़ समुन्दर उछाल देते है।।

सुकूने-बहर में तूफाने- बहरे-ग़म भी है

जो किश्तियों को भँवर से निकाल देते हैं।।

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