कभी जो मेरा सलाम लेना।

तो ज़ीस्त भर का निज़ाम लेना।।

अगर मेरे दिल मे आ रहे हो

तो फिर न दूजा मुकाम लेना।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है