पास रहकर गुम कहाँ हो।

हम यहां हैं तुम कहाँ हो।।

आज जी लो जिंदगानी

कल कहाँ हम तुम कहाँ हो।।

ज़लाल सम्हलेगा तो कैसे

अकबरी बेग़म कहाँ हो।।

दम निकलता जा रहा है

ऐ मेरे हमदम कहाँ हो।।

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