राह प्रगति की देखते बीते यूँ कुछ साल।

जीवित भी तकलीफ में मुर्दे भी बेहाल।।


एक एक कर जा रहा अच्छा हिन्दुस्तान।

आख़िर कब तक थमेगा कोविड का तूफान।।


जब दुनिया हो जाएगी भक्तों से वीरान।

तब तन्हा क्या करेगा मन्दिर में भगवान।।


मन्दिर मस्जिद के लिए जूझ रहे इंसान।

अस्पताल स्कूल पर जाता किसका ध्यान।।


एक प्रगति  पा ही गया अपना हिंदुस्तान।

गलियां कब्रिस्तान है गांव गांव शमसान।।

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