रिश्ता बड़ा सहारा भी है।

रिश्तों ने ही मारा भी है।।

मुझे कत्ल करने वालों में

दिलवर नाम तुम्हारा भी है।।

रिश्तों की कीमत पर हमने

जाने क्या क्या हारा भी है।।

रिश्ते बचे रहें इस ख़ातिर

मिट जाना स्वीकारा भी है।।

कुछ रिश्तों ने डुबा दिया तो

कुछ ने हमें उबारा भी है।।

अगर जरूरी लगा कभी तो

रिश्तों ने फटकारा भी है।।

रिश्तों ने बचपन से अबतक

दुलराया पुचकारा भी है।।

रिश्तों का सम्मान जरूरी

रिश्तों से उजियारा भी है।।

रिश्तों से घर है छाया है 

आँगन आस ओसारा भी है।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है