छानी छप्पर उनके नाही लउकेला।
हमहन के घर उनके नाही लउकेला।।
नेता जी दिल्ली से लंदन घूमेलन
बलिया बक्सर उनके नाही लउकेला।।
वोट बदे अँकवारी लिहलन जौना के
अब ऊ मेहतर उनके नाही लउकेला।।
अब उ पाउच में हर चीज मंगावेलन
सानी गोबर उनके नाहीं लउकेला।।
बंगला से आफिस ले उहे देखेलन
एसे लमहर उनके नाही लउकेला।।
मेम शहर में अगरेजी रखले बाड़न
घरनी सुग्घर उनके नाही लउकेला।।
न्यूज़ छपल बा अखबारन में का होई
करिया अक्षर उनके नाही लउकेला।।
सुरेश साहनी, कानपुर
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