अपने दिल नज़रो-जिगर सब मे निहां रखता हूँ।

क्या बताऊँ मैं तुम्हें और कहाँ रखता हूँ।।

इश्क़ मेरा तेरे रुसवाई का वाइस न बनें

कहने वाली कई बातें यूँ अयां रखता हूँ।।साहनी

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