काहे का एकाकीपन है

जब तुममें ही खोया मन है

मुझमें भी तुम ही दिखते हो

जाने ये कैसा दरपन है

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है