ये किसान आत्महत्या क्यों करते है
इन्हें पता नहीं यह संज्ञेय अपराध है;
किसानों की ज़मीनें जब्त कर लो देश की खातिर
किसानों से कहो
वह गाँव से बाहर निकलकर
अपनी ख़ातिर नौकरी ढूंढें।
जो गांवों से शहर में आ बसे हैं
उन गँवारों से कहो
तुम्हारी ही वज़ह से इन महानगरों में दिक्कत है
सुनो तुम गांव जाकर खेत क्यों नहीं सम्हालते
तुम जिन खेतों को बंधक रखकर आये थे
उन्हीं खेतों में नौकरी क्यों नहीं करते
और यह नौजवान पीढ़ी
रोज़गार के पीछे क्यों भागती है
इन्हें पढ़ लिख कर
देश के उत्थान में हाथ बंटाना चाहिए
आख़िर नौकरी रोजगार का अंतिम विकल्प नहीं
ये पकौड़ा भी तल सकते हैं
या आधुनिक तरीके से खेती कर सकते हैं
पर सुनो गांव में जाकर
कोरोना मत फैलाना
अभी शहर से गांव जाना देश द्रोह है।।.....
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