क्यों उसकी तस्वीर लगा दें।
क्यूँ कर सोए दर्द जगा दें।।
ख़ुद को हम कितना भरमायें
ख़ुद को कितनी बार दगा दें।।
उसके ग़म मेरे मेहमां हैं
कैसे ख़ुद से दूर भगा दें।।
अंधेरे दिल से मिट जायें
कितने सूरज और उगा दें।।
वो मेरे तन पर रीझा है
मन को किसके रंग रंगा दें।।
सुरेश साहनी
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