आपकी रहमत है बाकी ठीक है।

इक ज़रा दहशत है बाकी ठीक है।।

लोग नाहक़ मर रहे हैं भूख से

उनकी ये किस्मत है बाकी ठीक है।।

मौत पे उसकी लिखा हुक्काम ने

घरों की हुज्जत है बाकी ठीक है।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है