मेरी दुनिया सहल तुमसे हुई है।
चहल तुमसे पहल तुमसे हुई है।।
ये दुनिया लाख पहले से रही हो
मुहब्बत तो अजल तुमसे हुई है।।
बला के शेर नाजिल हो रहे हैं
मेरी हस्ती गजल तुमसे हुई है।।
सुना है ताज भी है खूबसूरत
बताते हैं नकल तुमसे हुई है।।
तुम्हे दिल आज दे डालें तो कैसे
अभी पहचान कल तुमसे हुई है।।
सुरेश साहनी, कानपुर
Comments
Post a Comment