कोई हालात पे ख़ामोश नज़र रखता है।
कोई हालात बदलने का ज़िगर रखता है।।
कोई तो है जो बियावां में जलाता है चिराग
कोई तो है जो उजाले का हुनर रखता है।।
दौरे-गर्दिश में हूँ महफूज़ वज़ह इक माँ है
वरना अब कौन दुआओं में असर रखता है।।
कोई हालात पे ख़ामोश नज़र रखता है।
कोई हालात बदलने का ज़िगर रखता है।।
कोई तो है जो बियावां में जलाता है चिराग
कोई तो है जो उजाले का हुनर रखता है।।
दौरे-गर्दिश में हूँ महफूज़ वज़ह इक माँ है
वरना अब कौन दुआओं में असर रखता है।।
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