उठ के  महफ़िल से यूँ चले आये

तुमको तन्हाईयाँ पसन्द भी हैं।। सुरेश साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है