माना मेरा दिल पत्थर है

दिल में किन्तु तरलता भी है।

ऊपर ऊपर तपन  भरी है

पर मन मे शीतलता भी है।। सुरेश

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है