अंगना आस ओसारा नईखे।

 रात ते बा  भिनसारा नईखे।।

रउरे होई   भा न होई

हमके आस दोबारा  नईखे।।


के सोरठ ब्रिजभार सुनाई

के बाटे जे निरगुन गाई

डीजे बा इकतारा नईखे।।

रतिये बा भिनसारा नईखे।।


अब्बो महुआ चूवत होई

अब्बो बारी महकत होई

लईकन के लहकारा नईखे।।

हमहन के भिनसारा नईखे।।


सुरसतिया के पियरी छूटल

जबसे साथ पिया के छूटल

ओकर कोर किनारा नईखे।।

रात ते बा भिनसारा नईखे।।


ईया बाबा भैया बहिनी

सबके हम बेंवत भर कईनी

एसे ढेर पसारा नईखे।।

रात ते बा भिनसारा नईखे।।


के का कहलस्,के का सुनलस

के अझुरवलस ,के फरियवलस

हमरे पीन पंवारा नईखे।।

रात ते बा भिनसारा नईखे।।

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