इस देश के आर्थिक सुधार में अपराधियों का बड़ा योगदान है।प्रतिदिन हजारो वाहन चोरी होते हैं।वे कबाड़ की दुकानों पर स्पेयर पार्ट्स की शक्ल में आ जाते हैं।हजारों लोगों को रोजगार मिल जाता है।गरीब भी सस्ते में स्पेयर पार्ट्स पा जाते हैं।यही स्थिति इलेक्ट्रॉनिक आईटम विशेषकर मोबाइल की भी है।अभी 30 तारिख को बंदा राहजनी का शिकार हुआ।आज नया मोबाइल खरीद लिया।इस तरह से देखा जाय तो मोबाइल उद्योग को कितना बल मिल रहा है।हमारे नेता भी तो यही चाहते हैं।हम आईटी और संचार के क्षेत्र में विश्वशक्ति बनें।लघु शस्त्र यानि स्माल आर्म्स के क्षेत्र में भी हम विश्व में अग्रणी हैं।मुझे तमंचा दिखा कर लूटा गया था।आखिर एक चोर लुटेरे को भी तमंचे आसानी से मिल जाते हैं।सरकार को चाहिए कि वह लघु शस्त्र निर्माण या कट्टा निर्माण को कुटीर उद्योग की मान्यता दे दे।और लाइसेन्स प्रणाली ख़त्म कर सिंगल विंडो सिस्टम लागू करे।किरण बेदी की सलाह मानते हुए हर जेल हर जिला मुख्यालय और हर स्टेशन पर इन उद्योग प्रवर्तकों/रहजनों के लिए विश्रामगृह बनवाये।इससे हमारे परदेश और देश में उदोगकान्ति आवेगी।एवं मेक इन इण्डिया सार्थक होगा।

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