अच्छा तो तुम रोते भी हो।

अपने नैन भिगोते भी हो।।

तुम तरसे  दाने दाने  को

गेहूं चावल  बोते भी  हो।।

दिखने में हो ढांचा पसली

सचमुच बोझा ढोते भी हो।।

ये सरकार मरी जाती है

तुम झबरा संग सोते भी हो।।

खेती में सोना मिलता है

क्या तुम सोना खोते भी हो।।

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