इस मुल्क की तकदीर है लाइन में लगे रहना।

खुदशाह की तक़रीर है लाइन में लगे रहना।।

ये राम की चाहत है अल्लाह की मर्जी भी

इक नारा ए तकबीर है लाइन में लगे रहना।।

राशन हो कि पानी और बिजली का किराया हो

किस किस्म की जागीर है लाइन में लगे रहना।।

खुद जिसने यहां अपने वालिद कई बदले हैं

वो सोचे है तौकीर है लाइन में लगे रहना।।

ये नाग नहीं है प्रभु मजलूम हैं लाइन में

इनसेट की ये तस्वीर  है लाइन में लगे रहना।।


सुरेश साहनी

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