आज भी लोग चाहते हैं मुझे

मैंने देखा मेरे जनाजे में।।


ख़ुशी ले लें उधार में लेकिन

डर बहुत है तेरे तकाजे में।।


कई खामोश  दर्द होते हैं

शादी-ब्याहों में गाजे-बाजे में।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है