डायरी में तेरी तस्वीर कल नज़र आई।

नींद नाराज रही रात भर नहीं आई।।

ख़्वाब बेताब थे आँखों में मचलने के लिए

नींद भी निकली मगर तेरी तरह हरजाई।।

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