मुझे कुछ और जी लेने तो देते।

निगाहें भर के पी लेने तो देते।।


कभी कुछ भी नहीं उनसे मिला है

इज़ाज़त ही सही लेने तो देते।।


मेरी मैयत में कितने लोग आये

जरा सी हाज़िरी लेने तो देते।।


 वो मेरी जान लेना चाहता था

जरा सी चीज थी लेने तो देते।।


तुम्हारे दर्द लेकर और जीता

मुझे इतनी ख़ुशी लेने तो देते।।


तेरे कदमों में जन्नत थी हमारी

तुम उसकी खाक ही लेने तो देते।।

सुरेशसाहनी

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