उसे अब और क्या सम्मान दे दें।

मिलेगा क्या कि अपनी जान दे दें।।

कहा उसने गज़ल कर दी मुक़म्मल

तो अब क्या साथ में दीवान दे दें।।

 मेरा भारत मेरी पहचान भी है

बताओ किस तरह पहचान दे दें।।

अभी कहता है बस दो घूंट ले लो

तो क्या बदले में हम ईमान दे दें।।

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