छेड़ मत बातें पुरानी अनकही ।

फिर न जग जाएँ तमन्नायें वही।।

आज उन बातों के कुछ मतलब नहीं

वो सही या तुम सही या हम सही।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है