हाँ हम भी गुम हो जायेंगे

लेकिन अपना नाम चलेगा।

यही सोच कर कवि बन बैठे

पछताते हैं क्या कर बैठे

घर दुवार से पिछड़ गए अब

पछताकर क्या काम चलेगा।।

इससे अच्छी राजनीति है

चोरी झूठ फरेब लबारी

काम करें या ना कर पाये

नहीं तनिक भी जिम्मेदारी

सब गुनाह भी धूल जायेंगे

जिसदिन #भारतरत्न मिलेगा।।

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