यूँ लगा कि रात में दिन का उजाला हो गया।
सच कहें तो फैसला सचमुच निराला हो गया।।
जिनको अपराधी कहा हो गए वो बाइज़्ज़त बरी
तब वो घोटाला था या कि अब घोटाला हो गया।।
जाने किस मुँह से कहा करते थे मोहन चोर है
आज उन झूठों का मुंह देखो तो काला हो गया।।
यूँ लगा कि रात में दिन का उजाला हो गया।
सच कहें तो फैसला सचमुच निराला हो गया।।
जिनको अपराधी कहा हो गए वो बाइज़्ज़त बरी
तब वो घोटाला था या कि अब घोटाला हो गया।।
जाने किस मुँह से कहा करते थे मोहन चोर है
आज उन झूठों का मुंह देखो तो काला हो गया।।
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