वो जो टीवी पर दिखता है।

क्या वो अपना ही नेता है।।

पीता तो होगा वाइज भी

तकरीरों में गजब नशा है।।

सरमायेदारों का भोंपू

बातें जनता की करता है।।

अच्छे दिन की बातें कहकर 

वो सपने बेचा करता है।।

ठोकर ही जिनका नसीब है

ये भोली भाली जनता है।।

 वो जो उनके संग रहता है

क्या वो अपना भी नेता है।।

सुरेश साहनी, कानपुर

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