फिर फिर गदहपचीसी लिखना।
या ए सी को बीसी लिखना।।
हत्यारों की मूर्ति लगाकर
झूठी मातमपुरसी लिखना।।
लोकतंत्र और संविधान की
खुलकर ऐसी तैसी लिखना ।।
रचनाओं को चुरा चुरा कर
सिंहासन बत्तीसी लिखना।।
इधर उधर ईमान डुलाना
खुद को बड़ा हदीसी लिखना
माल विलायत से मंगवा कर
उस पर मेड इन देशी लिखना।।
एफडीआई सौ प्रतिशत को
है मूमेंट स्वदेशी लिखना।।
ऐसे लिखने को कहते हैं
हम कनपुरिया बीसी लिखना।।
सुरेश साहनी,कानपुर
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