कहते झूठे रखवाले हैं।

अच्छे दिन आने वाले हैं।।

मंज़िल मिलने ही वाली है

कहते पैरों के छाले हैं।।

मेहनत के धन को काला धन

जो कहते मन के काले हैं।।

जाके दर्पण से धूल हटा

मत कह आँखों में जाले हैं।।

कोशिश कर खुल ही जायेगी

मत कह किस्मत पे ताले हैं।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है