कब तक ईवीएम के दम पर जीतोगे

कब तक अपना परचम खुद लाहराओगे।।

आज पुलिस के दम पर नेता हो लेकिन

कल जनता के चरण चूमने आओगे।


आज तुम्हारे हाथों में बंदूकें हैं

कैनन है आंसू गैसों के गोले हैं

आज तुम्हारे साथ कुटिल व्यापारी हैं

और इधर सब सीधे सादे भोले हैं

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है