शूल से भी अधिक है कुसुम की चुभन

जान लेते तो अँकवार करते नहीं ।

आशनाई से बेहतर है अनजानपन

जान लेते जो हम प्यार करते नहीं।।.....


दर्द उसने दिया जो भी दिल मे रहा

जिसपे विश्वास था उसने धोखा दिया

फूल जिसको दिए उससे पत्थर मिले

प्यार जिसको किया छल उसी ने किया


सामने से सगे वार करते नहीं

जान लेते तो एतबार करते नहीं।।.....


हम विचरते रहे स्वप्न के लोक में

हम भटकते रहे वस्ल की चाह में

हम संवरते रहे जिसके आलोक में

वो अंधेरा बना प्यार की राह में


सिर्फ़ मतलबपरस्ती था मतलब अगर

अहले-उल्फ़त तो हम प्यार करते नहीं।।.... 

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