ना ना करते हाँ ना करते कुछ रारों के बाद।
मान मनौव्वल हल्की फुल्की तक़रारों के बाद।
नैनों में लज्जा के डोरे अधरों पर मुस्कान
ऐसे पल आते हैं कितनी इंकारों के बाद।।
छोटी किश्ती ऊंची लहरें तूफां के आसार
आखिर साहिल आना ही है मंझधारों के बाद।।
ना ना करते हाँ ना करते कुछ रारों के बाद।
मान मनौव्वल हल्की फुल्की तक़रारों के बाद।
नैनों में लज्जा के डोरे अधरों पर मुस्कान
ऐसे पल आते हैं कितनी इंकारों के बाद।।
छोटी किश्ती ऊंची लहरें तूफां के आसार
आखिर साहिल आना ही है मंझधारों के बाद।।
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