हाँ हमें देह से मुहब्बत है।
रूह के गेह से मुहब्बत है।।
जिसमें मन का मयूर नाच उठे
हमको उस मेह से मुहब्बत है।।
देह को नेह की ज़रूरत है
नेह की देह से मुहब्बत है।।
रूह की बात रूह वालों से
हमको आनेह से मुहब्बत है।।
हाँ हमें देह से मुहब्बत है।
रूह के गेह से मुहब्बत है।।
जिसमें मन का मयूर नाच उठे
हमको उस मेह से मुहब्बत है।।
देह को नेह की ज़रूरत है
नेह की देह से मुहब्बत है।।
रूह की बात रूह वालों से
हमको आनेह से मुहब्बत है।।
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