अभी तलक तो हमारा ज़मीर बाक़ी है।

तुम्हारे पास अभी कितने तीर बाक़ी हैं।।


मिटा दिया हमें शायद तुम्हे ये धोखा हो

हमारे दोस्त हमारे असीर बाक़ी है।।


हमारे बाद भी ये राह चलती जायेगी

हमारी राह का हर राहगीर बाक़ी हैं ।।


किसी भी कौम को कोई मिटा नहीं सकता

फटा  है दूध अभी तो  ख़मीर   बाकी है।।


सुरेशसाहनी

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