मैं अच्छा कवि होता/

यदि मैं गिद्ध को बाज/

और बाज़ को कबूतर कहता/

वर्तमान से आंख मूंद लेता /और बुरे हालात को /अच्छे दिन का आगाज़ कहता


मैं बेशक़ अच्छा होता/

यदि तुम्हारे झूठ की ताईद करता


मैं और अच्छा होता/

यदि मैं कहता/

बकरे मुल्क़ के लिए नुकसानदेह हैं


पर अफ़सोस मैं ....

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