हुई बारिश तो ये क्या हो गया।
शहर धुल कर के गंदा हो गया।।
इधर चीजों की कीमत तो बढ़ी
उधर बाजार मंदा हो गया।।
तमन्नाये जवाँ तो हो गईं
कोई लाचार बूढ़ा हो गया।।
तुम्हारे हुस्न में जलवा तो है
हमारा इश्क़ अन्धा हो गया।।
किसी के दाग धोये और फिर
मेरा क़िरदार मैला हो गया।।
सुरेश साहनी,कानपुर
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