अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हैं।

यहाँ वहाँ सब जगह व्याप्त हैं।।

कविता गुम है गुम रहने दो

उन्हें अन्य सिद्धियां प्राप्त हैं।।

रचित आहरित खुद प्रतिपादित

वेदवाक्य सम पूर्ण आप्त हैं।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है