किस मन की बात सुनें क्या मन की बात करें।
सावन में तुम बिन क्या सावन की बात करें।।
क्यों इनकी बात करें क्या उनकी बात करें।
क्यों ना हम राधा और मोहन की बात करें।।
सर्पों से लिपटे ज्यों चंदन की बात करें।
विरहानल में जलते दो तन की बात करें।
घावों पर मरहम के लेपन की बात करें।।
मिश्री सी बात सुनें माखन की बात करें
आओ हम राधा और मोहन की बात करें।
ग्वालों की गोपियन की गैय्यन की बात करें।।
बंशी की धुन पर सुध रीझन की की बात करें
गुंजन की बात करें, मधुवन की बात करें।।
किस मन से यशुदा के नन्दन की बात करें।।
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