इश्क़ की राह ढूँढ लोगे जब।
प्यार की थाह ढूँढ लोगे जब।।
हम दुआओं में तब भी रक्खेंगे
कोई हमराह ढूँढ लोगे जब।।
मान लेंगे गुनाहगार हैं हम
नुक्स कोताह ढूँढ लोगे जब।।
ख़ुद ही सूली कुबूल कर लेंगे
इक ज़रा आह ढूँढ लोगे जब।।
हर अना तब पनाह मांगेंगी
सच मे मिस्बाह ढूँढ लोगे जब।।
मेरे हाथों को खाक़ थामोगे
ग़ैर की बाँह ढूँढ लोगे जब।।
साहनी तब भी कुछ न मांगेगा
उसमें इक ख़्वाह ढूंढ लोगे जब।।
सुरेश साहनी ,अदीब
कानपुर
9451545132
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