अब नहीं जागते हैं लोग
वे जानते हैं
जागते रहो की आवाज लगाकर
चौकीदार कह रहा है
तुम सब सोते रहो
कल किसने देखा है
दरवाजे पर रम्भाने वाली गाय
रवाण्डा जा चुकी है
और भारतीय रेल
सिर्फ संग्रहालय तक जाती है।
सुरेशसाहनी
अब नहीं जागते हैं लोग
वे जानते हैं
जागते रहो की आवाज लगाकर
चौकीदार कह रहा है
तुम सब सोते रहो
कल किसने देखा है
दरवाजे पर रम्भाने वाली गाय
रवाण्डा जा चुकी है
और भारतीय रेल
सिर्फ संग्रहालय तक जाती है।
सुरेशसाहनी
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