हमारा अपनों में नाम कर लो।
हमें भी अपना गुलाम कर लो।।
सलाम तुमको किया है मौला
तो वालेकुम अस्सलाम कर लो।।
पनाह मांगेगी मौत तुमसे
तुम अपनी हस्ती को राम कर लो।।
हमारे दिल की जला दो लंका
तुम इसमें अपना निज़ाम कर लो।।
पनाह में ले लो अपनी हमको
या आके दिल में क़याम कर लो।।
सुरेश साहनी,अदीब
कानपुर
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