कुछ नए तर्ज़ की कहन तो हो।

क्या कहें कोई हम सुखन तो हो।।


आप पर क्या ग़ज़ल कहें जानम

कुछ अदाओं में बांकपन तो हो।।


बस गलेबाजियों पे दादे - सुखन

एक भी शेर में  वजन  तो हो।।

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