धीरे धीरे प्यार मुहब्बत होने दो।

धीरे धीरे इन आँखों में खोने दो।।

शाम सुहानी धीरे धीरे जाती है

रात मिलन की हौले हौले आती है

हौले हौले ख़्वाब कोई सँजोने दो।।


धीमे धीमे ही अंधियारा ढलता है

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