ले दे के एक दिल है इसे ही सम्हाल लें।
ये इश्क़ लाइलाज है हम क्यों बवाल लें।।
उसकी फँसी में डाल दिया है जो हमने पाँव
बेहतर है पाँव कटने से पहले निकाल लें।।
हम दिल के मसअलों में फिसड्डी बने रहे
क्या इक जवाब के लिए सौ सौ सवाल लें।।
सुरेशसाहनी
ले दे के एक दिल है इसे ही सम्हाल लें।
ये इश्क़ लाइलाज है हम क्यों बवाल लें।।
उसकी फँसी में डाल दिया है जो हमने पाँव
बेहतर है पाँव कटने से पहले निकाल लें।।
हम दिल के मसअलों में फिसड्डी बने रहे
क्या इक जवाब के लिए सौ सौ सवाल लें।।
सुरेशसाहनी
Comments
Post a Comment