उसे न याद करो फिर भी याद आता है।

वही जो कह के कोई बात भूल जाता है।।

 

वो दूर रह के भी हरदम मेरी निगाह में है

करीब हो के जो मुझसे नज़र चुराता है।।


न जाने क्यों मुझे लगता है मैं खयाल में हूं

भला वो किसलिए रह रह के मुस्कुराता है।।


कोई तो बात उसे सालती ज़रूर होगी

कोई तो राज वो हर एक से छुपाता है।।


वो मेरा है कभी ऐसा नहीं कहा मुझसे

मगर हर एक से अपना मुझे बताता है।।


कि दुश्मनों को तो अब भी यकीन है मुझ पर

ये कौन है जो मुहब्बत में आजमाता है।।


बहुत सी खामियां तुमने सुरेश की कह दीं

कभी सुना है उसे जब वो गुनगुनाता है।।


सुरेश साहनी कानपुर

9451545132

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