धीरे धीरे प्यार मुहब्बत बढ़ने दो।
धीरे धीरे ही अकुलाहट बढ़ने दो।।
शाम सुहानी धीरे धीरे आती है
रात की रानी धीरे धीरे आती है
धीरे धीरे प्यास की शिद्दत बढ़ने दो।। दो।।
धीरे धीरे अंधियारा गहराता है
धीरे धीरे भोर का सूरज आता है
धीरे धीरे दिन की ताकत बढ़ने दो।।
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