सब तो चेहरे पे लिखा रहता है।

दिल गरीबों का खुला रहता है।।

हाँ मेरे दिल के सनमखाने में

कोई पत्थर का ख़ुदा रहता है।।

हो सके चार कदम साथ चलो

हौसला कुछ तो बना रहता है।।

तुम मेरी खोज खबर क्या लोगे

क्या तुम्हे अपना पता रहता है।।

दर्देदिल जख्मे जिगर कुछ तो दो

इस तरह प्यार बना रहता है।।

सुरेशसाहनी, कानपुर

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