और कोई आये ना आये

मेरा सावन आता होगा

बूंदों बूंदों गिरते पड़ते

आंगन आंगन आता होगा


हरे भरे होकर वन उपवन

मौसम को धानी करते हों

दादुर मोर पपीहे मिलकर

जिसकी अगवानी करते हों


बाबुल की उम्मीद नही पर

मेरा वीरन आता होगा ....

और कोई आये ना आये

मेरा सावन आता होगा.....


अम्मा भले नहीं है तो क्या

भाभी भी माँ के जैसी है

ऊपर से रूखी है लेकिन

दिल जैसे कोमल रुई है


रीत निभाने सावन मेरा

बचपन लेकर आता होगा....

और कोई आये ना आये

मेरा सावन आता होगा.....

सुरेश साहनी

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