हमें पेट भरना था

उन्हें ईश्वर की ज़रूरत थी

मैंने भर पेट खाकर

ईश्वर उन्हें दे दिया

वे आज भी सम्हाल रहे हैं

भारी भरकम ईश्वर

कहीं गिर न जाये इसलिए

वे सब दबे हुये हैं

यदि वे उठ गए तो

ईश्वर कौन सम्हालेगा?

सुरेशसाहनी, कानपुर

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